Wednesday, May 13, 2020

मैं बस तुम्हारी हु

सुनो मेरे पास आओ, सरहद पे जाने से पहले मैं सिर्फ तुम्हारी हु ये मुझे बताओ, 
फिर ये मुलाक़ात हो ना हो,  फिर हमारी ये रात हो ना हो |
जाते जाते मेरी कुछ अनकही बाते सुनते जाओ, हमारी कहानी को गुनगुनाते हुए जाओ, 
फिर ये बात हो ना हो,  फिर हमारी ये रात हो ना हो |
आओ,  मैं तुम्हे अपने हातो से कुछ निवाले खिलाती हु, 
तुमसे कितनी मोहब्बत है मुझे तुम्हे ये बताती हु,
फिर हम उस खिड़की के पास बैठेंगे,  जहा मैं तुम्हारी इंतज़ार मैं तारे गिनती हु, उनके अनकहे शब्दो को सुनती हु, तुम भी उन्हें देखते हो इसका सुकून देजाते है, मेरी आँखों मैं आस भर जाते है,
आओ तुम्हे वो टेबल दिखाती हु जहा माँ, पापा और मैं रोज खाना खाया करते है, हर निवाले को एक अटपटी सी घबराहट से उठाया करते है,
दरवाजे की खटखटाहट हो या फ़ोन की घंटी, हम कई दफा निवाला छोड़ उठजाया करते है|
तुम्हारी एक आवाज़ ही उस डर को दूर करदेती है, तुम तब भी मेरी हिम्मत बन जाया  करते हो जब हालात मुझे हारने पे मजबूर करदेती है |
आओ तुम्हे तुम्हारे बच्चो की बाते बताती हु, क्या सोचते है तुम्हारे बारे मैं ये सुनाती हु, 
तुम्हारे नाम पे कुछ अलग ही इतरा ते है, अपनी बातो से मुझमे भी अलग सा घमंड भरजाते है, 
मैं उनके साथ रहती हु, फिर भी तुम ज्यादा प्यारे हो, 
तुम उनकी ज़िन्दगी के एक ब्रम्ह तारे हो|
आगे चलते है, एक बात बोलू,
जब कभी कुछ अनचाहा सुन के घबराती हु, 
खुद को उसदिन बहुत खूबसूरत सजाती हु, 
मैंने कहा था, खुद का ख्याल रखूंगी, इसलिए हर रोज मुस्कुराती हु, मैं तुम्हारी हु, तुम्हारी होने का फर्ज़ निभाती हु|
तुम्हे तो चाह के भी मैं सिर्फ अपना नहीं कह सकती, 
सपने मैं भी तुम सिर्फ मेरे हो ये वादा नहीं ले सकती, 
तुम तो तब ही बटगए थे जब सीमा पे डट गए थे,
खेर ये तुम्हारी या मेरी नहीं हमारी लड़ाई है, 
तुम सरहद पे जंग लडो, मैंने यहा विजय पायी है, 
इस दुरी मैं भी साथ निभाएंगे, थोड़ा खुद जलेंगे थोड़ा दुनिया को जलाएंगे, 
सुनो मेरे पास आओ , थक गए हो थोड़ी देर सोजाओ,
कल का सूरज नई उम्मीद लाएगा, ज़िन्दगी मैं कई रंग भरजाएगा, तुम अपने सफर पे निकल जाओगे हम जल्द ही मिलेंगे इसका भरोसा देजाओगे|
चलो जाने से पहले मैं तुम्हे खुद मैं भरलेती हु,  सिर्फ तुम्हारी हु तुम्हे बतादेति हु |
हम अपनी कहानी को बस यूँही गुमनाम रहने देंगे, तुम्हारे फर्ज़ के चादर मैं उसे प्यार से ढक देंगे,
दुनिया बस तुम्हारी वीरता गायेगी, और ये "तुम्हारी" उस घमंड मैं मुस्कुराएगी|
इस रात को यादगार करते है, मैं बस तुम्हारी हु इस बात की हामी भरते है, 
फिर ये बात हो ना हो,
फिर हमारी प्यार की रात हो ना हो, 
फिर हमारी मुलाक़ात हो ना हो |
फिर तुमसे बात हो ना हो |

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